घर में कीमती सोफे, झूमर,
फर्नीचर से अनुपम शोभा बढ़ जाती,
पर सबसे प्यारी होती वे छोटी-छोटी खिड़कियाँ,
जिनसे हरपल खुला भोर का सूरज,
नीला आकाश और ऊँची उड़ान भरता परिंदा नज़र आता,
नीला आकाश और ऊँची उड़ान भरता परिंदा नज़र आता,
सुहानी शाम के ढलते ही
नन्हे झिलमिल सितारे
नन्हे झिलमिल सितारे
और दूधिया रौशनी बिखेरता चाँद नज़र आता,
इन्ही नन्ही नन्ही खिड़कियों से
सारे संसार का सतरंगी सार नज़र आता...
सारे संसार का सतरंगी सार नज़र आता...
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