Wednesday, June 12, 2019

अंतिम यात्रा का इंतज़ार....

जब भी उस राह से गुज़रती,
वृद्धाश्रम में वृद्धों को खिलखिलाकर हँसता देखती
लगता वे सभी अपनी दुःखद यादों को भूल जाना चाहते है
उनके झुर्रियों से भरे चेहरे,
मुँह के किनारों से टपकती लार,
काँपते हुए हाथ, 
चल न पाने की विवशता नज़र आती
पर अपने अतीत की यादों में डूबे हुए,
खुश होने का अभिनय करते हुए गुज़ारते अपने वक़्त को,
क्षमा कर देते है वे दिल से,
उनके साथ जो भी गलत व्यवहार हुआ है
और करते अपनी अंतिम यात्रा का इंतज़ार....

-- साधना 'सहज'

Tuesday, April 2, 2019

जिंदगी...

                     
 


जिंदगी देती हैं हमें बहुत प्यारी और खुशनमा चीज़ें,
सुमधुर संगीत समुन्दर की लहरों-सा,
सूरज की तपन के बाद मिट्टी से उठती सौंधी महक,
खुला अनंत तक फैला आसमान,
चहचहाते पक्षी, चाँद-तारों से भरी रात,
नज़र भर कर इन सब खुशनुमा चीज़ों के साथ,
सजाते हम अपने सुनहरे ख्वाब,
क्लेश और कलह से भरे जीवन से तो
बेहतर है प्रकृति का साथ
पलभर के लिए भूलकर
उलझनों से भरे इस जीवन को
झूम उठो प्रकृति के साथ...

-- साधना 'सहज'


Monday, January 14, 2019

हे सूर्य देव...


*आप सभी को मकर संक्रांति के हार्दिक शुभकामनाएं*

Surya Dev Photo
हे सूर्य देवता! तुम सतरंगी अश्वों से सुसज्जित 
रश्मि रथ पर सवार हो आ जाना,
मेरे जीवन प्रभात को और भी निर्मल और उज्ज्वल बना देने के लिए,
मैं तुम्हारी इस सुनहरी रोशनी में गुनगुनाते हुए 
नहा कर पवित्र होना चाहती हूँ 
मेरी चेतना के सभी सोए हुए स्वरों को जगाना चाहती हूँ 
मैं जीवन के इस विजयपथ पर आगे बढ़कर, 
अपने जीवन को गतिशील व कर्मठ बनाना चाहती हूँ 
ताकि चारों और फैले हुए आनंद के गहरे समुद्र में 
डूबकर श्रेष्ठता को प्राप्त कर सकूँ.... 

-- साधना 'सहज'