निकली मस्तों की टोली
होली है भई होली है
शहर गाँव में शोर मचाते, गलियों और चौराहों पर
निकली मस्तों की टोली है
होली है भई होली है
उमंग उल्लास से भरे रंग हैं
चौराहों पर होलिका दहन है
भंग, ठंडाई की तरंग मे डूबे सब हमजोली हैं
गुझिया, लड्डू, पूरणपोली खाने में सब मस्त हैं
फागुन के रंगों मे रंगा मौसम भी अलमस्त है
कोयल कुहकी, बुलबुल चहकी
अलसी गेंहू की क्यारी भी रंगों मे डूबी
महुआ महका, आम मंजरियों से भौरें भी मदमस्त हैं
तरह-तरह के रंग हैं बिखरे, सारे के सारे मस्त हैं
जगह-जगह पर शोर हुआ, होली है भई होली है
होली है भई होली है
शहर गाँव में शोर मचाते, गलियों और चौराहों पर
निकली मस्तों की टोली है
होली है भई होली है
उमंग उल्लास से भरे रंग हैं
चौराहों पर होलिका दहन है
भंग, ठंडाई की तरंग मे डूबे सब हमजोली हैं
गुझिया, लड्डू, पूरणपोली खाने में सब मस्त हैं
फागुन के रंगों मे रंगा मौसम भी अलमस्त है
कोयल कुहकी, बुलबुल चहकी
अलसी गेंहू की क्यारी भी रंगों मे डूबी
महुआ महका, आम मंजरियों से भौरें भी मदमस्त हैं
तरह-तरह के रंग हैं बिखरे, सारे के सारे मस्त हैं
जगह-जगह पर शोर हुआ, होली है भई होली है
- साधना
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