Wednesday, April 3, 2013

यादों के झुरमुट


















यादों के झुरमुट में मन कुछ खोजता और उलझ कर रह जाता,
सांसे थम जाती, नब्ज धीमी हो जाती, मन विरक्त हो जाता,
छोड़ना चाहता इस जीवन को,
निराशाएँ हर पल जीवन को अलविदा कहना चाहती,
पर उन्हीं झुरमुटों के अंधकार से आशाओं के जुगनू चमकते,
और महसूस होता जीवन में स्पंदन व प्रकाश जो कहता है,
जीवन संघर्ष कर आगे बढ़ाने के लिए है थमने के लिए नहीं... 
- साधना

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