Friday, March 15, 2013

मानव या दानव

Good and evil

अरे मानव! तू क्यों हर पल दानव बनता जा रहा हैं,
ईश्वर ने तुझे बहुत सोच समझकर प्यार और विश्वास के साथ बनाया था,
अपनी अनुपम कलाकृति समझ वह भी मन ही मन मुस्कुराया था,
पर तूने उस ईश्वर के अरमानों पर पानी फेर दिया,
प्यार, विश्वास, भाईचारे को छोड़ तू हर पल,
दानव बन कहीं आगजनी, विस्फोट व बलात्कार,
जैसे महाघोर पापों में लिप्त हो गया
इंसानियत को भूल वहशी, पापी, दरिंदा बन गया
अरे मानव! तू अपने गुनाहों को छोड़ फिर से इंसान बनने की कोशिश कर,
वरना वह दिन दूर नहीं जब प्रलय की आँधी आएगी,
और तेरा नामोनिशां मिटा चली जाएगी। 
- साधना 

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