माँ इस धरती पर मैं खाली हाथ ही आया था,
तुम्हारे ममता भरे आँचल में छुप कर,
मैंने सच्चा प्यार पाया था,
तुमसे महकी मेरे इस जीवन की बगिया,
जीवन के सारे रिश्ते तुमसे हैं,
इस जीवन की खुशी, चिंता, हल्ला-गुल्ला,
तनहाई तुम हो, नदिया, झरने, गहरा समंदर,
सावन-भादों, बसंती बयार तुम ही हो,
जीवन की हर सच्चाई तुम हो,
तुम से ही है रिश्ते-नाते, मेरे जीवन की तुम्हीं विधाता,
तुमसे ही अस्तित्व है मेरा,
तुम हो मेरी प्यारी माँ...
- साधना
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