Friday, June 28, 2013

अपना अनजान शहर

Walking alone.....

मैं बहुत समय बाद अपने शहर पहुंची,
वहां सब अजनबी से लगे कोई मेरा अपना न था
सारे रिश्ते नाते अजनबी से लग रहे थे
रिश्तो में अनमनेपन का अहसास था
जिन्हें मै दिल से प्यार करती थी,
अपना कहती थी,
वो भी अनमने से थे
मात्र औपचारिकता बची थी रिश्तो में,
मुझे अहसास हुआ
यहाँ कोई अपना नहीं था
कदम लौट पड़े अनजान डगर पर
दूर बहुत दूर क्षितिज के उस पार .....
- साधना 

Monday, June 24, 2013

मेरा मन...

krishna

कान्हा,
मेरा मन करुण क्रंदन कर,
दुख भरी आवाज़ से तुम्हें पुकारता है,
मेरे मन की हलचल में,
दुख भरे आँसू है,
तुमने वचन दिया था कि,
जब भी यह संसार दुखों में डूब रहा होगा,
धर्म अधर्म में बदलने लगेगा,
तुम रूप बदलकर लौट आओगे,
इस संसार कि डूबती नैया पार लगाने,
मैं ये भी जानती हूँ, 
दुखों से दूर भागना,
दुख दूर करने का हल नहीं है,
स्वयं सामना करना होगा,
तभी सुख लौटेगा,
फिर भी आंसुओं से डबडबाई,
आँखों से मैं तुम्हारी राह तकती रहती हूँ...   

- साधना  

Wednesday, June 19, 2013

कर्म और जीवन

Keep walking

हमारा जीवन निरंतर गतिशीलता का प्रमाण है। जिसमें हमें सदा आगे ही आगे चलना होता है। हर पल सजगता को अपनाकर प्रगति-पथ पर चलना होता है। जरा भी हिचकिचाहट में कदम पीछे खींचने पर गति थमने लगती है, पर अवचेतन मन सदा सजग रहता है। वह हमारी उसी भूल को जीवन की सीख बना देता है, ताकि हम अगली बार बिना गलती करे अपने हर कार्य को सम्पूर्ण तन्मयता से कर पाएँ। हमारी आकांक्षाएँ न तो बहुत ज्यादा होनी चाहिए और न बहुत कम। आकांक्षाएँ अधिक होने पर पूरी नहीं हो पाएँगी और हम दुखी हो जाएंगे। इसलिए मध्यम मार्ग को अपना कर शांत मन से हमें अपने जीवन-पथ पर आत्मविश्वास के साथ अग्रसर होना चाहिए।
-साधना

Sunday, June 16, 2013

मेरे पापा

daughter & father

पापा! मैं बिलकुल आप जैसी दिखती हूँ।
मैं चलना चाहती हूँ, उन्हीं आदर्शों पर,
उसी पथ पर, जिस पर आप चले थे
मैं चाहती हूँ आपका आशीर्वाद,
और चाहती हूँ,
मुझे सुंदर परी से पंख लग जाएँ
ताकि मैं उड़ सकूँ,
छू पाऊँ पहाड़ों पर जमी बर्फ
और महसूस कर सकूँ उसकी शीतलता का एहसास,
इस मुक्त गगन की ऊँचाइयाँ
और जानना चाहती हूँ
इस प्रकृति का हर राज़
मेरे बढ़ते कदम कभी ना थमने पाएँ
क्योंकि मेरी हर आशा, विश्वास
व मेरे पथ प्रदर्शक सिर्फ आप ही हैं.....
- साधना

Friday, June 14, 2013

पुनर्जन्म

Rebirth

हमारा हर दिन पुनर्जन्म की तरह होता है,
हम रोज एक नया जीवन जीकर रोज मरते हैं
फिर क्यूँ व्यर्थ में हम जीवन की शांति को खोते हैं
जिंदगी प्रेम, नफरत, मिलना, बिछुड़ना, रूठना, मनाना
इन्ही एहसासों से परिपूर्ण है
पता नहीं होता
जिंदगी कब किस राह पर मुड़ जाएगी
कब, कहाँ किस तरह
कोई अपना मिलकर जुदा हो जाएगा
जिंदगी के टेढ़े-मेढ़े कठिन रास्तों पर चलकर
जीवन बिताना है
चलना  ही ज़िंदगी है 
चलते ही जाना है......
- साधना

Sunday, June 9, 2013

कारी बदरिया

B&W Cumulous Cloud


बहुत लंबे इंतज़ार के बाद बादल,
रुई से नर्म हो जल से भरकर आए,
पवन भी लहरा-लहरा कर, 
बल-खाकर इतराने लगी,
जमकर बरसी प्यारी बदली,
नवजीवन का संचार हुआ,
प्यासी तरसती आँखों को भी आराम मिला,
लगा जैसे कई दिनों से,
बिछड़ी सखी आकर मिली,
हर तरफ अपनेपन का एहसास हुआ,
पल भर में गर्मी से मिली थकान दूर हो गयी,
मस्त-मस्त कारी बदरिया ने,
नए-नए सपनों से श्रृंगार किया।

- साधना

Tuesday, June 4, 2013

जीवन का एहसास

rose

जीवन का होना,
एक फूल खिलने जैसा है,
फूल की खुशबू का,
चारों दिशाओं में बिखरना और,
सतरंगी रंगो-सा छा जाना,
जीवन का होना अपने अस्तित्व की पहचान है,
जीवन का होना प्रेम, प्रीति,
अपनत्व का एहसास है,
इस पृथ्वी पर पग-पग अहिंसा, घृणा,
छल-कपट मिलने की संभावना है,
दुख की हजारों पुकारों के बीच,
दुख से मुक्ति मिलना असंभव है,
पर फिर भी जीवन का धरती पर,
होना एक अनोखा एहसास है... 
- साधना