Saturday, April 27, 2013

कांक्रीट के जंगल

Mt. Fuji sunset from Tokyo Tower
गाँव शहरों में बदल गए, कट गए विशाल बरगद, पीपल, नीम,
कांक्रीट के जंगलों को देख मन बैचेन हो जाता,
बैचेनी से पाँव थम जाते, याद आती खेत खलिहानों की और वृक्षों की,
इन्हीं विशाल वृक्षों की छाया में बीता बचपन,
पितरों के आशीर्वाद सा लगता था वृक्षों का साया,
याद आती है नदी के स्वच्छ जल में तैरती स्वप्नों की नाव,
अमराई में आम, इमली से लदे वृक्षों से चुराना अमिया, इमली,
खरबूजों की बाड़ी से खरबूजे चुराकर खाना,
नदी में दूर तक तैर कर जाना, पर हम बेबस है कांक्रीट के,
घने जंगलों ने छिन लिया है हमसे प्रकृति का हर पलछिन... 
- साधना 

Wednesday, April 24, 2013

मन की छटपटाहट...

Heart Shaped Flowers
मन कभी हँसता, कभी रोता, कभी गाने को करता, 
इस मन की गहराई में कुछ जरूर ऐसा है जो ये हर पल,
भटकता रहता दिखावे के लिए हँस -हँस कर सबसे बातें करता, 
पर अन्तर्मन से एक थकी हुई सी सांस लेता,
कभी बाज के पंजो में फंसी हुई चिड़िया-सा छटपटाता,
कभी चिंता और दुख की आँधी में फंस जाता, 
मन की इस छटपटाहट को दूर करने के लिए,
जब एक आशा की धूमिल-सी किरण नज़र आती,
तब मन सारे दर्द भूल जाता,
मन की बगिया में हजारों रंग-बिरंगे फूल खिल जाते,
मन भोरों की गुनगुनाहट से भर जाता,
फिर अपनी निराशा को दूर करने के लिए,
एक नयी फूलों की बगिया सजाता...
- साधना 

Sunday, April 21, 2013

जीवन-मृत्यु

Flying bird
जीवन -मृत्यु पंछी के दोनों पंखो के समान है 
जीवन के आते ही मृत्यु का दिन निश्चित हो जाता है 
जीवन में आते ही मिलता है प्यार-दुलार,
आशा-निराशा, कभी खुशी कभी गम,
कहीं माता -पिता का प्यार कभी भाई-बहन का स्नेह, 
कहीं पति-पत्नी का पवित्र रिश्ता, 
लेकिन एक दिन अचानक पंछी का
दूसरा पंख फड़फड़ाने लगता,
और जीवन-मृत्यु में बदल जाती,
सारे बंधनों से आत्मा मुक्त हो जाती,
और हो जाती अनंत में विलीन,
पीछे रह जाती है सिर्फ यादें... 
- साधना

Friday, April 19, 2013

श्री रामनवमी

Shree Ram Darbar (Lord Rama, Lakshman, Sita & Hanuman)

आज रामनवमी का पर्व है। आप सभी को इस अवसर पर बहुत-२ शुभकामनाएं। इस पर्व के महत्व को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से मैं यह लेख लिख रही हूँ। आशा है यह  लेख आपको पसंद आएगा। अपनी टिप्पणियों (comments) द्वारा अपनी सोच मुझ तक पहुंचाइएगा। 

श्री रामनवमी सारे संसार के लिए सौभाग्य का दिन है क्योंकि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने रावण के वध, दानवों के विनाश और सनातन धर्म की रक्षा करने के लिए उन्होने धरती पर जन्म लिया था। 

श्रीराम के समान आदर्श पुरुष, पुत्र, शिष्य, पति, वीर, दयालु, सत्यवादी,  दृढ़ प्रतिज्ञ और संयमी जगत के इतिहास में कोई नहीं हुआ। साक्षात परम पुरुष परमात्मा होने पर भी श्रीराम ने सभी को सत्य की राह दिखलाने के लिए आदर्श लीलाएँ की, जिन्हें हम आसानी से अपने जीवन में अपना सकते है। सज्जनों की रक्षा के लिए स्वयं भगवान श्री हरि राम के रूप में अवतीर्ण हुए। 

श्री राम सर्वात्मा है, उनके जीवन का मंत्र था- "सभी को साथ लेकर चलने में ही सच्चा सुख है।" रामनवमी का पर्व हमें संदेश देता है 'अपने को शुद्ध करो ज्ञान की सीमा का विस्तार करो, सद्भाव, समभाव और सहभाव से अपने जीवन को सफल और सार्थक बनाओ।' राम भक्ति में डूबकर राम बन जाओ। स्वयं आनंदित रहकर दूसरों को आनंदित करना ही राम का रामत्व है। 
- साधना

Thursday, April 18, 2013

सर्प-भय मुक्ति मंत्र

Snake Charmers

मैं इस पोस्ट में सर्प-भय से मुक्ति के लिए प्राचीन मंत्र को धर्म ग्रंथ के अनुसार आप सभी तक पहुँचा रही हूँ। ये सभी के लिए ज़रूरी है। 
इस मंत्र के नित्य प्रति जाप करने से सर्प या नागों के भय से मुक्ति मिलती हैं और यह मंत्र विष-भय से हमारी रक्षा करता है।
मंत्र इस प्रकार है: 
जरत्कारुर्जगद्गौरी मनसा सिद्धयोगिनी। 
वैष्णवी नागभगिनी शैवी नागेश्वरी तथा॥
जरत्कारूप्रियाआस्तीकमाता विषहरेति च।
महाज्ञानयुता चैव सा देवी विश्वपूजिता॥
द्वादशैतानि नामानि पूजाकाले तु यः पठेत।
तस्य नागभयम् नास्ति तस्य वंशोभ्द्वस्य च॥

अगर आप सभी को यह जानकारी पसंद आए तो जरूर शेयर करें और सभी तक पहुँचाए। 
धन्यवाद। 
- साधना

Monday, April 15, 2013

तुम्हारी आँखें...

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तुम्हारी आँखें कुछ कहती है, आँखों में प्यार और
विश्वास छुपा है, और कुछ सतरंगी सपने,
मेरा दिल चाहता है तुम्हारी हर तमन्ना पूरी हो,
तुम्हारी भीगी सी नम आँखों से बहने वाले
आँसू में पोंछना चाहती हूँ,
तुम्हारे कहे-अनकहे हर स्वप्न को,
जो तुम्हारी आँखों में तैरते है,
इंद्रधनुष बन आँखों में उतरते है, उन्हे पूरा करना चाहती हूँ,
तुम्हारा विश्वास जीत मैं तुम्हें अपना बनाना चाहती हूँ,
ताकि जीवन के सुनहरे पथ में कोई बाधा न आने पाये...
- साधना

Saturday, April 13, 2013

एक आस...


दरवाजे पर पुष्प लिए कब से खड़ी हूँ माँ,
तुम्हारे सुंदर सलोने मुखड़े की आस में,
तुम्हारी पायल की मधुर रुनझुन सुनने को,
माँ तुम सदा-सदा के लिए सुख-समृद्धि बरसाने को आ जाना,
मेरा आँचल जो मैं तुम्हारे सामने फैला कर खड़ी हूँ,
उसमें बसी हर आस को तुम्हें अर्पित करती हूँ,
तुम मेरी हर आशा को विश्वास के साथ उजव्वल व आभामय बना देना,
ताकि मेरा संसार और भी आभामय हो जाए।
- साधना

Thursday, April 11, 2013

वासंतिक नवरात्र


आज चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवसंवत्सर का आरंभ होता है। आप सभी को इस अवसर पर बहुत-२ शुभकामनाएं। इस पर्व के महत्व को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से मैं यह लेख लिख रही हूँ। आशा है यह  लेख आपको पसंद आएगा। अपनी टिप्पणियों (comments) द्वारा अपनी सोच मुझ तक पहुंचाइएगा।

प्रतिपदा तिथि से हिन्दू नववर्ष का आरंभ होता है। इसी तिथि से पितामह ब्रम्हा ने संसार का निर्माण शुरू किया था। इसी दिन राजा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुआत की। 

इस नवरात्र में माँ भगवती दुर्गा की विशेष आराधना की जाती है। घट स्थापना के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। पूरे नौ रात्रियों तक पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। अंतिम दिन हवन करके पूर्णाहुति की जाती है। अष्टमी और नवमी को सभी घरों में विशेष पूजा की जाती है। कन्या पूजा नवरात्र का अनिवार्य हिस्सा है। कन्याओं को देवी मानकर उनको भोजन कराकर उनकी पूजा की जाती है। कन्याओं को वस्त्र और फल भेंट किए जाते है।

चैत्र नवरात्र में शक्ति के साथ शक्तिधर की भी पूजा की जाती है। देवी भागवत के साथ ही रामायण का भी पाठ होता है, इसलिए यह नवरात्र,  देवी नवरात्र के साथ-साथ राम नवरात्र के नाम से भी प्रसिद्ध है। 

आज के दिन नए वस्त्र पहनना चाहिए। घर को ध्वज,पताका और बंदनवार से सजाना चाहिए। आज का दिन गुड़ीपड़वा के रूप में भी मनाया जाता है। घर के बाहर रेशमी वस्त्र से गुड़ी बांधी जाती है। इस दिन घरों में पूरणपोली और श्रीखंड बनाया जाता है। आज के दिन नीम के कोमल पत्तों, फूलों का चूर्ण बनाकर उसमें काली मिर्च, नमक, हिंग, जीरा, मिश्री, और अजवाइन डालकर खाना चाहिए। इसे खाने से रक्त संबंधी बीमारियों से बचाव होता है और आरोग्य की प्राप्ति होती है। 

आशा है आपको ये जानकारी पसंद आएगी। धन्यवाद
- साधना

Wednesday, April 10, 2013

समय

sandglass
समय मुट्ठी से फिसलती रेत की तरह बीतता जाता,
मन खुशियों से भरा रहे तो समय उड़ती हुई चिड़िया
की तरह बीतता जाता, दुख आने पर आलसी अजगर
की तरह रेंग-रेंग कर बीतता, समय हमें ज़िंदगी जीना सिखाता,
समय से बड़ा शिक्षक कोई नहीं,
समय जीवन की कीमत करना सिखाता है,
नाम रोशन होने पर या गुमनामी के अँधेरों में
खोने का समय ही साक्षी होता है,
समय के साथ चलने वाले इतिहास रचते हैं,
समय को चलाने वाले इतिहास पुरुष बन जाते हैं।
- साधना

Saturday, April 6, 2013

मजबूर माँ

India on the road, a woman constructor, India, 2001
सूरज के निकलते ही एक माँ निकल पड़ती है,
अपने मासूम बच्चे की अंगुली थाम और,
एक नन्ही जान को पीठ पर बाँध मजदूरी करने के लिए। 
वहीं कहीं सड़क किनारे एक कपड़े की झोली बना,
किलकारी भरती नन्ही जान को झोली में डाल,
दुलारती-पुचकारती झूला झूलाकर उसे बहलाती,
दिनभर तपती धूप में पसीना बहा बच्चों
के भविष्य के लिए धन कमाती। 
साँझ ढलते ही लौट पड़ती अपने घरोंदे की तरफ,
फिर रात के अंधेरे सायों में देखती,
मासूम बच्चों के बेहतर जीवन के स्वप्न... 
- साधना

Wednesday, April 3, 2013

यादों के झुरमुट


















यादों के झुरमुट में मन कुछ खोजता और उलझ कर रह जाता,
सांसे थम जाती, नब्ज धीमी हो जाती, मन विरक्त हो जाता,
छोड़ना चाहता इस जीवन को,
निराशाएँ हर पल जीवन को अलविदा कहना चाहती,
पर उन्हीं झुरमुटों के अंधकार से आशाओं के जुगनू चमकते,
और महसूस होता जीवन में स्पंदन व प्रकाश जो कहता है,
जीवन संघर्ष कर आगे बढ़ाने के लिए है थमने के लिए नहीं... 
- साधना