Sunday, June 16, 2013

मेरे पापा

daughter & father

पापा! मैं बिलकुल आप जैसी दिखती हूँ।
मैं चलना चाहती हूँ, उन्हीं आदर्शों पर,
उसी पथ पर, जिस पर आप चले थे
मैं चाहती हूँ आपका आशीर्वाद,
और चाहती हूँ,
मुझे सुंदर परी से पंख लग जाएँ
ताकि मैं उड़ सकूँ,
छू पाऊँ पहाड़ों पर जमी बर्फ
और महसूस कर सकूँ उसकी शीतलता का एहसास,
इस मुक्त गगन की ऊँचाइयाँ
और जानना चाहती हूँ
इस प्रकृति का हर राज़
मेरे बढ़ते कदम कभी ना थमने पाएँ
क्योंकि मेरी हर आशा, विश्वास
व मेरे पथ प्रदर्शक सिर्फ आप ही हैं.....
- साधना

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