Sunday, May 11, 2014

माँ प्यार तुम्हारा

Manon et Maman

माँ प्यार तुम्हारा निर्मल जलधारा ,कलकल कर बहता जाता 
मेरे जीवन की सारी नीरवता और विषाद को अपने 
संग ले कलकल बहता जाता 
सावन की मस्त फुहारों सा मेरे तन-मन को भिगो जाता 
माँ प्यार तुम्हारा मधुर-मधुर 
तपती धूप में ठंडक पहुँचता 
माँ प्यार तुम्हारा चंदा की निर्मल चाँदनी सा 
थके हुए मन को शांति का एहसास दिलाता 
माँ प्यार तुम्हारा शक्ति बन जीवित होने का एहसास 
दिला सत्य की राह पर चलना सिखलाता 

- साधना 

No comments:

Post a Comment