Monday, October 16, 2017

श्वेत कुंद...



हर सुबह मेरे दरवाजे पर लगे कुंद श्वेत पुष्प,
मुस्कुराते हुए करते स्वागत हम सबका,
अधखिली कलियों से फैलाते हुए,
सुवासित मंद-मंद सुगंध,
कह उठता कुंद "सुप्रभात",
कामना करते श्वेत पुष्प, 
मंगलमय हो दिन हमारा,
जब उसे मैं जल से सींचती,
तो भरकर नई उत्साह उमंग,
कुंद के श्वेत पुष्प,
भर देते मेरे जीवन में 
अपनी ऊर्जा, उत्साह और उमंग.... 

-- साधना 'सहज' 

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