Wednesday, April 24, 2013

मन की छटपटाहट...

Heart Shaped Flowers
मन कभी हँसता, कभी रोता, कभी गाने को करता, 
इस मन की गहराई में कुछ जरूर ऐसा है जो ये हर पल,
भटकता रहता दिखावे के लिए हँस -हँस कर सबसे बातें करता, 
पर अन्तर्मन से एक थकी हुई सी सांस लेता,
कभी बाज के पंजो में फंसी हुई चिड़िया-सा छटपटाता,
कभी चिंता और दुख की आँधी में फंस जाता, 
मन की इस छटपटाहट को दूर करने के लिए,
जब एक आशा की धूमिल-सी किरण नज़र आती,
तब मन सारे दर्द भूल जाता,
मन की बगिया में हजारों रंग-बिरंगे फूल खिल जाते,
मन भोरों की गुनगुनाहट से भर जाता,
फिर अपनी निराशा को दूर करने के लिए,
एक नयी फूलों की बगिया सजाता...
- साधना 

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