Friday, January 11, 2013

जल

water drop1
जल ही जीवन है कहा करते है सभी,
जल की बूंदे मिलकर कहीं झरना बन जाती,
कही महासागर का रूप ले प्रलय ले आती,
यही एक बूंद सीपी में समाकर मोती बन चमचमाती,
खेतों में पहुँच धन-धान्य उपजाती,
धरती को अलग-अलग रंगों के मोहक रूप दे देती,
एक नन्ही-सी बूंद पंछियों का मन तृप्त कर देती,
यही जल की धारा पितरों को अर्पित कर उनका तर्पण करती, 
इसी जल की छाया में चंद्रमा का बिम्ब
देखकर कान्हा खुश हो जाते थे,
पर प्रदूषण के कारण जल का जीवन ही ख़तरे में हैं,
जल के वजूद को बचाना होगा, जीवन का रस ख़तरे में है,
उसे फिर से जीवन अमृत बनाना होगा... 
-साधना



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