Saturday, January 19, 2013

इंतज़ार

(wait) / wallpaper
उस दिन ठिठुरा देने वाली ठंड थी,
बाहर कोहरा छाया हुआ था,
सन्नाटे के अलावा बाहर कुछ भी न था,
अचानक लगा बाहर आहट हुई किसी के आने की,
कौवा छत पर बैठ कांव-कांव कर किसी 
के आने का संदेश दे रहा था,
आँखें इंतज़ार कर रही थी किसी आगंतुक का,
मन बेचैन हो कागा का स्वर सुन रहा था,
सर्द थपेड़े शरीर को काँपने पर मजबूर कर रहे थे,
अलाव की आग भी ठंडी हो चली थी,
पर मन नहीं मान रहा था...
ये इंतज़ार था एक बूढ़ी माँ का,
जिसका बेटा सरहद पर देश की रक्षा कर रहा था
- साधना

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