माघ शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता हैं। बसंत पंचमी के आते ही प्रकृति में नए परिवर्तन आने लगते हैं। दिन छोटे होते हैं, ठंड कम होने लगती हैं और पतझड़ शुरू हो जाता हैं। आम की मंजरियों पर भौरें मंडराने लगते है। जीवन में एक नया उत्साह और उमंग महसूस होने लगता हैं।
इस दिन सरस्वती पूजन का विशेष महत्व हैं। माँ सरस्वती विद्या, बुद्धि, ज्ञान और वाणी की देवी हैं। भगवान श्री कृष्ण के कंठ से उत्पन्न होने के कारण देवी का नाम सरस्वती हुआ। देवी सरस्वती ने ही संसार को निर्मल ज्ञान देकर इसका निर्माण किया हैं।
इस तिथि पर ही बच्चों का अक्षरज्ञान शुरू किया जाता हैं। पुस्तक और कलम में देवी सरस्वती का वास माना जाता हैं इसलिए पुस्तक और कलम की पूजा की जाती हैं। विद्या को सभी धनों में प्रधान धन कहा गया हैं। विद्या से ही ज्ञान प्राप्त होता हैं। माँ सरस्वती को प्रसन्न करके ही सभी महान ऋषियों ने सिद्धि को प्राप्त किया। विद्यार्थियों को विशेष रूप से माँ सरस्वती को प्रसन्न करना चाहिए ताकि वो अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त कर हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सके।
आशा है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। धन्यवाद
- साधना
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