Monday, February 25, 2013

खरगोश और मेंढक



honey bunny
खरगोश बहुत दुर्बल और डरपोक प्राणी होते हैं। बलवान जानवर उन्हें देखते ही मारकर खा जाते हैं। इस अत्याचार के कारण खरगोशों ने आपस में सलाह करके निश्चय किया कि हमेशा भयभीत रहकर जीने से अच्छा है कि प्राण त्याग दिये जाएँ। 

ऐसी प्रतिज्ञा करने के बाद सभी खरगोश पास के तालाब में कूदकर प्राण देने की इच्छा से इकट्ठे हुए। तालाब के किनारे पर पहुँचने पर खरगोशों ने देखा तालाब किनारे मेंढक बैठे हुए हैं। खरगोशों के पहुँचते ही सारे मेंढक तालाब में कूद पड़े। 

यह देखकर खरगोशों का नेता बोला- मित्रों! हम लोगों को इतना डरने की और अपने आप को असहाय समझने की ज़रूरत नहीं हैं। कुछ प्राणी ऐसे भी है जो हमसे भी दुर्बल और डरपोक हैं अतः हमें प्राण त्यागने की ज़रूरत नहीं हैं।

इसलिए हमारे जीवन में कितनी भी परेशानी आ जाए हमें निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे जिनकी हालत हमसे भी ज्यादा खराब हैं बल्कि हमें कमजोर लोगों के प्रति सद्भावना रखनी चाहिए ताकि हम अपनी कठिनाइयों को भूल कर आगे बढ़ सकें। 
-(संत ईसप की नीतिकथाओं से प्रस्तुत)

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